संगत का असर (आपकी जिंदगी बदल देगा) : Effect of friendship (It will change your life)

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जैसी आपकी संगत होगी वैसे ही आपका चरित्र और भविष्य होगा। किसी व्यक्ति की संगत उसके भविष्य  का आइना होता है। आपकी संगत ही जीवन में सफलता (success)का रास्ता दिखाता है और आपकी संगत ही आपको  स्वर्ग और नर्क का द्वार भी दिखाता है। इसलिए बहुत सही कहा गया है कि - "सिर्फ एक संगत आपकी जिंदगी को बदल कर रख देगा। "


आज के इस विषय "संगत का असर (आपकी जिंदगी बदल देगा)" का सटीक उदहारण एक महान वैज्ञानिक के साथ बीती घटना को बता कर समझाने का प्रयास करूंगा। 


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दोस्तो भला विश्व विख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को कौन नहीं जानता होगा। यह घटना उनके जीवन की आप बीती है। एक दिन उनके ड्राइवर ने उनसे कहा--"सर,मैं इतने वर्षों से आपके साथ हूँ और मैंने हर सेमिनार औऱ मीटिंग में आपके द्वारा दिए गए प्रत्येक भाषण को बहुत ग़ौर से सुना है और उन्हें अच्छी तरह से याद भी कर लिया है। आपके लगभग सभी बातों को मई बड़ी आसानी से किसी को भी बता सकता हूँ और किसी भी भाषण सभा या सेमीनार को सम्बोधित भी कर सकता हूँ। "


आइंस्टीन अपने ड्राइवर की बात सुनकर बहुत हैरान हुए। फिर कुछ देर तक बहुत गम्भीरता से सोंचने के बाद उन्होंने अपने ड्राइवर से कहा- "ठीक है, जो मेरा अगला सेमिनार है उसके आयोजक मुझे नहीं जानते है। आप मेरे स्थान पर वहां स्टेज पर जाकर बोलिए और मैं आपका ड्राइवर बनकर आपके साथ चलूंगा तथा आपके भाषण को सुनूंगा ।"


ठीक ऐसा ही हुआ, सेमिनार में अगले दिन उनका ड्राइवर मंच पर चढ़ गया और भाषण देने लगा औऱ आइंस्टीन एक कोने में खड़े होकर उसकी बातों को ध्यान से सुनने लगे। ड्राइवर ने वास्तव में बहुत अच्छे से सेमिनार को  सम्बोधित किया। 


भाषण के समापन के बाद सेमिनार में उपस्थित विद्वानों ने जोर-शोर से तालियां बजाईं औऱ वहा उपस्थित सभी लोग बहुत प्रभावित हो गए ड्राइवर की बातों को सुनकर।


तभी सेमिनार में उपस्थित एक प्रोफेसर ने भाषण दे रहे ड्राइवर से पूछा - "सर, क्या आप उस सापेक्षता के सिद्धांत को फिर से समझा सकते हैं, थोड़ी बहुत कन्फ्यूजन है मुझें ?" इस प्रोफेसर की बात सुनकर ड्राइवर के रूप में असली आइंस्टीन ने जब ये घटनाक्रम देखा तो वे बहुत परेशान हो गए कि अब क्या किया जाए आखिर अब हकीकत तो सबके सामने आने वाली है। बेचारा ड्राइवर पकड़ा जाएगा औऱ जो बेइज्जती होगी सो अलग।


लेकिन कुछ पल के बाद ही महान वैज्ञानिक आइंस्टीन अपने ड्राइवर का जवाब सुनकर हैरान रह गए। भाषण दे रहे ड्राइवर ने बहुत सज्जनता से प्रोफेसर का जवाब देते हुए कहा- "क्या बोल रहे हैं महोदय, यह बिल्कुल आसान सी बात है , शायद आपके दिमाग में नहीं आई ? यह मामूली सी बात आप  मेरे ड्राइवर जो पीछे खड़ा है उससे पूछिए, वह आपको बहुत अच्छी तरह समझा देगा। फ़िलहाल मुझें औऱ कुछ कहने की जरुरत नहीं है।" फिर क्या उसके बाद आइंस्टीन के बाक़ी सब संभाल लिया।


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हमारी संगत का हमारे जीवन पर सीधा असर पड़ता है।  बचपन में चाहे बच्चो की संगत हो या फिर बड़े होकर बड़े लोगो का संगत हो।  हमारे जीवन शैली , सफलता (Success)और असफलता , व्यक्तित्व विकास (Personality Development) , हमारे व्यव्हार आदि को बहुत हद तक प्रभावित करते है।  ऐसा नहीं है की संगत का प्रभाव आपको अगले ही दिन दिखाई शुरू हो जायेगा , धीरे धीरे बदलाव दिखाई देना शुरू हो जाता है।  बुरी आदतों का तो बहुत तेज़ी से असर होता है लेकिन अच्छी आदतों को अपनाने में थोड़ा समय लगता है। 


इसलिए यदि आप अपने जीवन में अच्छे, नेक औऱ बुद्धिमान लोगों के संपर्क में रहते हैं तो उसका असर आपके आचार-विचार औऱ व्यवहार पर अवश्य पड़ता है।  दोस्तों मित्रता हमेशा सज्जन औऱ विद्वानों के साथ ही करनी चाहिए क्योंकि ये तो सुना ही होगा कि सुनार का कचरा भी बादाम से ज्यादा महंगा बिकता है।


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