यदि इंसान की अपने इच्छाओं पर नियंत्रण न हों, तो ये दिन-ब-दिन बढ़ती ही जाती हैं। चाहे आपके पास पैसा आ भी जाए, मगर आप संतुष्ट नहीं होते है। वास्तविक सुख तो तभी मिलता है, जब आपके मन में खुशी (happiness) की भावना का वास रहे। क्योंकि जीवन में असंतुष्ट व्यक्ति कभी खुश (happiness) नही रह सकता है।
"एक असंतुष्ट और दुखी इंसान अपने जीवन में कभी भी खुश नही रह सकता है।"
किसी भी इंसान को खूब पैसा, बड़ा घर, महंगी कार जैसी कोई चीज मिल जाए, तो उसे खुश हो जाना चाहिए। ऐसा आपको लगता है। लेकिन आज वास्तव में सच्चाई यह है कि जीवन में वास्तविक सुख या आत्म-पूर्ति केवल भौतिक चीजों से नहीं आती है। यह एक मानसिकता है। यह एक सोच है, जहां आप आसानी से सुख, शांति, संतोष और उपलब्धि की गहरी भावना को महसूस करते हैं।
इस प्रकार की अंदरूनी खुशी (happiness) को अनुभव करने के लिए ये कुछ स्टेप्स अपना सकते हैं, जिससे आपको भौतिक ही नहीं बल्कि मानसिक खुशी (happiness) का भी अनुभव होगा-
अपनी सभी उपलब्धियों का जश्न मनाएं
जब भी आप कोई सफलता (success) प्राप्त करते हैं या फिर अपने लक्ष्यों तक पहुंच जाते हैं। चाहे वह कितनी भी बड़ी या छोटी उपलब्धि ही क्यों न हों, उस जीत का जश्न जरूर मनाए। खुद को इस उपलब्धि के लिए किसी तरह से पुरस्कृत करें ।
इस प्रकार आप अपने लिए एक ऐसी परिस्थिति तैयार करते हैं, जहां आपका अवचेतन मन उस हैप्पी टाइम भावना को जगाता है। जो आपको और अधिक सफलता दिलाने के लिए motivate करेगा। साथ ही आप अंदरूनी रूप से खुशहाल (happiness) महसूस करेंगे। और आप अपने जीवन को मस्ती के साथ जी सकेंगे ।
अपनी जिम्मेदारी खुद लें
अपने जीवन में खुशियों (happiness) की कमी के लिए किसी अन्य व्यक्ति या चीजों को दोष देने के बजाय, इस मामले को अपने हाथों में लें और संतुष्ट और खुश (happiness) होने के तरीके तलास करें। आपके रास्ते में चाहे कोई भी समस्या आए या फिर दूसरे आपके साथ कैसा व्यवहार करते है । यह खुद को एहसास दिलाकर किया जा सकता है कि आप अपनी भावनाओं के मालिक खुद हैं।
इसे एक सरल अभ्यास के साथ शुरू करें। जैसे कि ‘मैं जो महसूस करता हूं, उसके लिए मैं ही जबाबदार हूं। साथ ही अपने जीवन की हर जिम्मेदारी को खुद लें। ऐसा करने से आप कुछ दिनों बाद अच्छा महसूस करने लगेंगे। अपने हर परिस्थिति की जिम्मेदारी खुद लेना सीखें ।
हमेशा दूसरों की मदद करें
इसमें अपना समय, पैसा, प्रतिभा और यहां तक कि कौशल साझा करना शामिल हो सकता है। जो भी संभव हो सके। यदि आप इन संसाधनों का उपयोग दूसरों को लाभ पहुंचाने के लिए कर रहे हैं, तो आप निश्चित रूप से न केवल उनकी मदद करेंगे, बल्कि अपनी खुशी (happiness) भी बढ़ाएंगे। आपको अंदर से खुशी (happiness) का अनुभव होगा। जिससे आप हमेशा जीवन खुशहाल (happiness) जी सकते है।
0 Comments