दिल में दया की भावना जिन्दा रखें। Short Motivational Story in Hindi

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दयालुता एक ऐसा गुण है जो दुनियाँ को सभी के लिए खुशनुमा बनाता है। इस मानवीय गुण के बिना दुनियाँ एक रेगिस्तान जैसा हो जायेगा। दयालुता की खुशबु चारों ओर फैलता है। यह दोनों के लिए कल्याणकारी होता है।दयालुता से आपके पापों का नाश होता है। दयालुता के कार्य करे लेकिन कृतज्ञता की उम्मीद न करें। यह हमे अच्छा मनुष्य और बुद्धिमान बनाता है। दया प्राणी का पहला धर्म हैं निर्दयी मनुष्य हिंसक जानवर के समान होता है अपने ह्रदय में दया करुना नम्रता जैसे ईश्वरीय गुणों को बसाए रखे तभी मानव धर्म और सुंदर बन सकता हैं दया के सम्बन्ध में तुलसीदास का यह दोहा दया का अर्थ व महत्व स्पष्ट कर देता है- 

"दया धर्म का मूल है, पाप मूल अभिमान..

तुलसी दया न छांड़िए, जब लग घट में प्राण।"

यानि दया ही धर्म का मूल है । अभिमान पाप की जड़ जब तक शरीर में प्राण बसे रहे दया को कभी नही छोड़ना चाहिए

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दयालु होने के लाभ:-

  • दूसरों पर दया करने से आपको एक खुशी (happiness) का अहसास होता है।
  • दुसरे लोग आप की काम की प्रशंसा करते है।
  • दुसरे लोग भी मुश्किल समय में आपकी हेल्प करे है।
  • समाज में आपका मान सम्मान बढ़ता है।
  • लोग सैदव आपका आदर करेंगे।

एक अध्ययन से पता चला है, दयालुता के कार्य करने पर लोगो के खुशी (happiness) का स्तर लगभग 42 प्रतिशत तक बढ़ जाते है। दयालु होने का हमारे खुशी (happiness) पर गहरा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। 

मिर्ज़ापुर की एक प्रसिद्ध दुकान पर लस्सी का ऑर्डर देकर कुछ यार- दोस्त आराम से बैठकर एक दूसरे की खिंचाई और हंसी-मजाक में लगे ही थे कि वहां पर लगभग 75-80 वर्ष की एक बुजुर्ग महिला पैसे मांगते हुए उनके सामने अपने हाथ फैलाकर खड़ी हो गई। उनकी कमर झुकी हुई थी, चेहरे की झुर्रियों में भूख दिखाई दे रही थी। आँख अंदर को धंसे हुए थे। उनको देखकर मन मे न जाने क्या आया कि उन लड़को में से एक जिसका नाम था रवि जिसने अपनी जेब से सिक्के निकालने के लिए डाला हुआ हाथ वापस खींचते हुए उनसे पूछ लिया- “दादी जी लस्सी पियेंगी ?”

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रवि की इस बात पर दादी कम अचंभित हुईं और उसके मित्र कुछ ज्यादा । क्योंकि अगर रवि उनको पैसे देता तो बस 5 या 10 रुपए ही देता लेकिन लस्सी तो 30-40 रुपए की एक आती है। इसलिए मेरे दोस्तों को लगा कि लस्सी पिलाने से रवि के गरीब हो जाने की और उस बूढ़ी दादी के द्वारा रवि को ठग कर अमीर हो जाने की संभावना बहुत अधिक बढ़ गई थी।

उस बूढी महिला ने सकुचाते हुए हामी भरी और अपने पास जो मांग कर जमा किए हुए 5-6  रुपए थे, वो अपने कांपते हाथों से रवि की ओर बढ़ाए। रवि को कुछ समझ नही आया तो उसने उनसे पूछा –“ये किस लिए?” तो उस बूढी महिला ने जवाब दिया  कि- “इनको मिलाकर मेरी लस्सी के पैसे चुका देना बाबूजी!”

रवि तो पहले ही भावुक उनको देखकर ही हो गया था। रही बची कसर उनकी इस बात ने पूरी कर दी। एकाएक रवि की आंखें छलछला आईं और भरभराए हुए गले से रवि ने दुकान वाले से एक लस्सी बढ़ाने को कहा, उसने अपने पैसे वापस मुट्ठी मे बंद कर लिए और पास ही जमीन पर बैठ गई।

अब रवि को अपनी लाचारी का अनुभव हुआ क्योंकि रवि ने वहां पर मौजूद दुकानदार, अपने दोस्तों और कई अन्य ग्राहकों की वजह से उनको कुर्सी पर बैठने के लिए नहीं कह सका। रवि को डर था कि कहीं कोई टोक ना दे , कहीं किसी को एक भीख मांगने वाली बूढ़ी महिला के उनके बराबर में बिठाए जाने पर आपत्ति न हो जाए , लेकिन वो कुर्सी जिस पर रवि बैठा था उसे काट रही थी। 

लस्सी कुल्लड़ों मे भरकर सब मित्रों और बूढ़ी दादी के हाथों मे आते ही रवि अपना कुल्लड़ पकड़कर दादी के पास ही जमीन पर बैठ गया क्योंकि ऐसा करने के लिए तो वह बिलकुल स्वतंत्र था।  इससे किसी को आपत्ति नही हो सकती थी।

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हां! वो बात अलग है कि रवि के दोस्तों ने उसे एक पल को घूरा, लेकिन वो कुछ कहते उससे पहले ही दुकान के मालिक ने आगे बढ़कर दादी को उठाकर कुर्सी पर बैठा दिया और रवि की ओर मुस्कुराते हुए हाथ जोड़कर कहा- “ऊपर बैठ जाइए साहब! मेरे यहां ग्राहक तो बहुत आते हैं किन्तु इंसान कभी-कभार ही आता है।”

अब सबके हाथों मे लस्सी के कुल्लड़ और होठों पर सहज मुस्कुराहट थी, बस एक वो दादी ही थीं, जिनकी आंखों मे तृप्ति के आंसू, होंठों पर मलाई के कुछ अंश और दिल में सैकड़ों दुआएं थीं। 

न जानें क्यों जब कभी हमें 10-20 रुपए किसी भूखे गरीब को देने या उस पर खर्च करने होते हैं तो वो हमें बहुत ज्यादा लगने लगते हैं। लेकिन सोचिए कि क्या वो चंद रुपए किसी के मन को तृप्त करने से अधिक कीमती हैं? जब कभी ऐसा अवसर मिले ऐसे दयापूर्ण और करुणामय काम करते रहें भले ही कोई आपका साथ दे या ना दे! ऐसा करने से आपको शुकुन जरूर मिलेगा। आपको ख़ुशी (happiness) जरूर मिलेगी। आप समाज को एक सन्देश जरूर देते है।  

दोस्तों लोगो के साथ दया भाव हम सब को बना कर रखना चाहिए। आपका करुणामय व्यहार ही आपकी पहचान है। याद रखिये अच्छे लोगो के साथ हमेशा अच्छा ही होता है। आशा करता हूँ ये छोटी की मोटिवेशनल कहानी (short motivational story) आपको जरूर पसंद आएगी। 


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